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Showing posts from April, 2021

मोकावत कछवाहों के गांव/ठिकाणे // Mokawat kachhwahon ke ganv/thikane

मोकावतों के गांव/ठिकाणे:- 1.झाझड़(नवलगढ़) 2.कारी(नवलगढ़) 3.बेरी(सीकर) 4.भगेरा(नवलगढ़) 5.चितौसा(बुहाना) 6.सिरोही(नीमकाथाना) 7.सोटवारा(झुंझुनूं) 8.नारी(फतेहपुर) 9.नयासर(झुंझुनूं) 10.मोमासर(बिकानेर) 11.मंडावा(झुंझुनूं) 12.मुकुंदगढ़(झुंझुनूं) 13.बिरमी(झुंझुनूं) 14.बिजोली का बास(सुरजगढ़) 15.इस्माइलपुर की ढाणी(चिड़ावा) 16.चिरानी(खेतड़ी) 17.खारिया(चुरु) 18.रामसीसर(सरदार शहर) 19.नाहरसिंघाणी(नवलगढ़) 20.पिलानी(झुंझुनूं) 21.बनाई 22.बड़वासी 23.बसावा 24.बिकानेर 25.बिदासर 26.बिसरासर 27.बीरमसर 28.बीबीपुरा 29.खुड़ोद(चिड़ावा) 30.भुवाड़ी 31.भड़ोई 32.बरवाड़ा(सवाईमाधोपुर) 33.भादरा(हनुमानगढ़) 34.भालेरी 35.भाटीयों की ढ़ाणी 36.भारु 37.भुदोली तोरां की 38.महेणसर 39.मठोडी 40.मलेक 41.मलसीयो 42.मलवाणी 43.माहुवा 44.डूमरा(झुंझुनूं) 45.तोगावास 46.सहादरा(दिल्ली) 47.पहाड़गंज (दिल्ली) 48.दीपसर 49.दवेड़ाटी 50.धीराणा(भिवाणी) 51.धीरासर 52.नवलगढ़(झुंझुनूं) 53.नांद(पिलाणी) 54.नीपोलाई 55.परसरामपुरा 56.पलसाणा 57.पटीयाला 58.पचलंगी 59.पुरा 60.फतेहपुर(सीकर) 61.बंगला 62.बालोद 63.बलवंतपुरा(मुकुंदगढ़) 64.मेघसर 65.मोड़ाखेड़ा 66.मोहन...

वीर योध्दा ठाकुर साहब मोहब्बतसिंह मोकावत // Veer yodha thakur Sahab mohabbatsingh Mokawat

(ठाकुर साहब मोहब्बतसिंह मोकावत जिन्होंने बिसाऊ गढ़ और ठाकुर साहब श्यामसिंह सूरजमलोत के मान सम्मान के लिए तलवार के एक ही वार से बिसाऊ गढ़ के नाई व आमेर के सेनापति नौसरअली को बीच में से काट दिया था।) उण दिनां बिसाऊ धणी ठाकुर श्यामसिंह सूरजमलोत हा। बिसाऊ जयपुर राज रो मोटो ठिकाणो हो। उण दिनां जयपुर माथै महाराजा प्रतापसिंह रो राज। जयपुर महाराजा बड़गाव रा किसनसिंह माथै किणी बात सारू रूठग्या। ‘राजा जोगी अगन जल़, ज्यांरी उलटी रीत’ री बात चितार’र किसनसिंह डरग्या अर अठीनै -उठीनै सुरक्षित ठिकाणो जोवण सारू फिरिया, पण किणी शरण नीं दी सेवट वै बिसाऊ आया। बिसाऊ ठाकुर निशंक शरण दी- केहर केस भमंग मण, सरणाई सूहड़ांह।  सती पयोहर क्रपण धन, पड़सी हाथ मूवांह।। जद जयपुर धणी नै ठाह लागो कै जयपुर रै गुन्हैगार नै बिसाऊ शरण दी है तो वै झाल़बंबाल़ हुयग्या अर श्यामसिंह नै कैवायो कै – “अजेज किसनसिंह नै उठै सूं काढदे नीतर बिसाऊ री ठौड़ मूल़ा री बुवाई करा दूंला।” श्यामसिंह ऐड़ी बात री गिनर नीं करी अर शरणाई नै निशंक रैवण रो कैवतां कह्यो कै -“बिसाऊ रो कोट अडिग है, जितै थे ई अडग रैवो।” श्यामसिंह री द्रढता सूं रीसाय जयपुर ...